Mata Vaishno Devi Yatra Guidelines 2023 in Hindi
यह सुनिश्चित करने के लिए कि हर कोई सुरक्षित है और बड़ी भीड़ को प्रबंधित करने में मदद करने के लिए, उन्होंने माता वैष्णो देवी यात्रा ट्रैक और श्री माता वैष्णो देवी भवन नामक स्थान पर 500 विशेष कैमरे लगाए। उन्होंने विभिन्न प्रकार के परिवहन जैसे टट्टू, पालकी और यहां तक कि हेलीकॉप्टर और बैटरी कारों की पेशकश भी शुरू कर दी। उन्होंने बाबा मंदिर और रघुनाथ मंदिर जैसे अन्य धार्मिक स्थानों को भी लोगों के दर्शन के लिए खोल दिया।
वैष्णो देवी यात्रा के नियम 2023: कटरा से भवन तक का सफर और महत्वपूर्ण जानकारी" in Hindi
- प्रत्येक यात्री को रेडियो फ्रीक्वेंसी पहचान पत्र (आरएफआईडी) जारी होताहै।
- बिना कार्ड के किसी भी हथियार से यात्रा नहीं की जा रही है।
- मंदिर समूह के साथ पुलिस स्थिर बने रहने के लिए भीड़ को रोके
"जय माता दी"
"चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है।" इस भजन को गाते समय माता वैष्णो देवी की यात्रा का अनुभव अलग रहता है। छोटे बच्चे से लेकर बुजुर्ग, गरीब और धनवान, सभी इस गाने में उनकी महिमा का गुणगान करते हैं। वैष्णो देवी के मंदिर के दर्शन करते समय यह भजन उनकी आत्मा को आनंदित करता है।
माता वैष्णों देवी कहाँ स्थित है
इसके बारे में बहुत से लोगों को जानकारी होती है। यह 5,200 फीट की ऊंचाई पर जम्मू और कश्मीर के कटरा शहर में स्थित है। इस मंदिर में माँ वैष्णों देवी के तीन रूप - महासरस्वती, महालक्ष्मी और महाकाली का पूजन होता है। यहाँ पहुंचने के लिए पोनी, इलेक्ट्रिक कार, पालकी, और हेलीकॉप्टर की सेवा उपलब्ध है।
वैष्णो देवी कटरा कैसे पहुँचा जा सकता है,
इसके विकल्प उपलब्ध हैं। हवाई मार्ग से, रेल मार्ग से, और सड़क मार्ग से आप वैष्णो देवी कटरा पहुँच सकते हैं। जम्मू शहर में एक एयरपोर्ट है जिससे कटरा तक आना संभव है। रेल मार्ग से भी कटरा पहुँचा जा सकता है, और सड़क मार्ग से अपने वाहन से आप यहाँ यात्रा कर सकते हैं।
वैष्णो देवी की यात्रा का सही समय ध्यान में रखना महत्वपूर्ण है।
बारिश के दिनों में यात्रा कठिन हो सकती है और सुरक्षा की समस्या भी हो सकती है। गर्मियों में तापमान मध्यम रहता है, जबकि सर्दियों में ठंडी बर्फबारी होती है। धार्मिक महत्व के कारण, महिलाएं गर्म वस्त्र पहनकर यहाँ यात्रा करती हैं।
कटरा में रहने के लिए धार्मिक आवास
होटल, और धर्मशालाएं उपलब्ध हैं। श्राइन बोर्ड के आवास में रुम्मिंग और बेड के आवास की सुविधा है। इसके अलावा प्राइवेट होटलों में भी रुकने का विकल्प है।
यात्रा पर्ची वैष्णो देवी की यात्रा के लिए आवश्यक है।
यात्रा पर्ची काउंटर कटरा में होता है और इसके बिना आप यात्रा शुरू नहीं कर सकते। इसके साथ ही, रुम बुकिंग और यात्रा पर्ची की ऑनलाइन व्यवस्था भी है जिससे आप अपनी यात्रा की आवश्यकताओं को आसानी से पूरा कर सकते हैं।
इस यात्रा का आयोजन और प्रबंधन श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा किया जाता है ताकि श्रद्धालुओं को आसानी से और सुरक्षित तरीके से माता वैष्णो देवी के दर्शन करने का अवसर मिल सके।
यदि आपकी यात्रा भारत के बाहर से है, तो आपको वीजा, पासपोर्ट, और अन्य यात्रा संबंधित दस्तावेजों की भी जांच करनी चाहिए।
कृपया ध्यान दें कि मेरी जानकारी में बदलाव हो सकता है, इसलिए यदि आप वैष्णो देवी की यात्रा की योजना बना रहे हैं, तो आपको आधिकृत स्रोतों से भी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए।
कटरा से वैष्णो देवी भवन कैसे जाएं?
कटरा से वैष्णो देवी भवन तक पहुँचने के तरीके और जानकारी:
कटरा बस स्टैंड से 2 किलोमीटर दूर बाणगंगा मार्ग से यात्रा शुरू होती है। कटरा बस स्टैंड से ऑटोरिक्शा के माध्यम से बाणगंगा पहुँचा जा सकता है। बाणगंगा पर चेकपोस्ट स्थित है, जहाँ पर्ची की जांच होती है और यात्रा की परमिशन दी जाती है। भवन तक की दूरी बाणगंगा से 13 किलोमीटर है और इसे पहाड़ों पर चढ़कर जाना होता है। कुछ स्थानों पर खड़ी चढ़ाई भी होती है। भवन तक जाने के लिए अच्छे रास्ते का निर्माण किया गया है और यातायात की सुविधाएँ भी मौजूद हैं। पानी, चाय, कॉफी, और भोजन की सुविधाएँ यात्रा के दौरान विभिन्न स्थानों पर उपलब्ध हैं। कटरा से भवन तक पहुँचने के लिए हेलीकॉप्टर, पौनी, घोड़े, पालकी, और पैदल यात्रा के विकल्प होते हैं।
हेलीकॉप्टर से भवन जाने की प्रक्रिया:
- हेलीकॉप्टर किराया: रु. 1100 (किराया परिवर्तन के साथ बदलता रहता है)
- हेलीकॉप्टर सेवा देने वाली कंपनियाँ: पवन हंस और ग्लोबल वेक्ट्रा
- कटरा हेलिपैड की दूरी: 2 किलोमीटर
- त्रिकूट पर्वत हेलिपैड से श्री माता वैष्णो देवी के भवन की दूरी: 2.5 किलोमीटर
- हेलीकॉप्टर टिकट बुकिंग: श्राइन बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर बुक किया जा सकता है, जिसमें यात्रा के लिए पर्ची और रूम बुकिंग की प्रक्रिया बताई गई है।
हेलीकॉप्टर सफर के दौरान ये बातें जरूर ध्यान दे
- टिकट का प्रिंटआउट
- पहचान पत्र (आधारकार्ड)
- टिकट का पेमेंट किया गया कार्ड (डेबिट/क्रेडिट कार्ड)
माता वैष्णो देवी के दर्शन की पौराणिक कथा:
- प्राचीन काल में, भैरवनाथ नामक तांत्रिक विद्या के प्रभावशाली प्रतिष्ठित रहे हैं।
- माता वैष्णो देवी के भक्त श्रीधर का परम श्रद्धान करते थे।
- एक दिन भैरवनाथ ने माता की प्रतिष्ठा को चुनौती दी और उन्हें परेशान किया।
- माता वैष्णो देवी ने अपनी शक्ति से भक्त श्रीधर को सहायता प्रदान की।
- माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ के खिलाफ लड़ाई लड़ी और उन्हें जीत दिलाई।
- इसके परिणामस्वरूप, माता वैष्णो देवी ने भवन नामक स्थान पर अपना मंदिर स्थापित किया।
वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए यात्रा करते समय आपको इन बातों का ध्यान रखना चाहिए:
- यात्रा के दौरान त्रिकूट पर्वत की सुंदर दृश्यों का आनंद उठाएं।
- शुरुआती दरवाजा देखकर यात्रा की शुरुआत करें।
- बाणगंगा नदी पर पहुंचकर श्री माता वैष्णो देवी ने अपने बाल धोकर भक्तों की प्यास बुझाई थी।
- अर्धकुमारी नामक स्थान पर माता ने शिव भगवान की तपस्या की और उन्हें दर्शाया था।
- श्राइन बोर्ड द्वारा नया रास्ता बनाया गया है, जिसमें पोनी का उपयोग नहीं किया जा सकता।
- भवन पहुँचने पर आरती की बुकिंग करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह आपके दर्शन के समय को अद्वितीय बना देता है।
- आरती के बाद, भैरव घाटी भी दर्शनीय स्थल है, जो स्टीप घाटी है।
- माता वैष्णो देवी की पौराणिक कथा भी यात्रा के दौरान जानने लायक है।
कटरा के प्रमुख दर्शनीय स्थल
शिव खोरी (शिव खोड़ी)
शिव खोरी के लिए बस का समय: सुबह 10 बजे और दोपहर 1 बजे बस कहाँ से मिलेगी: कटरा बस स्टैंड Shiv Khori कटरा से 70 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। कटरा से शिव खोरी जाने के लिए बसें चलती हैं। राणसू गांव तक पक्की सड़क बनी है। आगे चार किलोमीटर का trekking घोड़े से तय करने की आवश्यकता होती है। इस चार किलोमीटर की यात्रा ऊँची पहाड़ियों से घिरे प्राकृतिक दृश्यों से भरपूर टेढ़े-मेढ़े रास्तों से गुजरकर शिव खोरी गुफा तक पूरी होती है। गुफा का बाहरी भाग विशाल होता है। गुफा की लंबाई 150 मीटर होती है। गुफा में प्रवेश के लिए रास्ता संकीर्ण होता है और यात्री धीरे-धीरे आगे बढ़ते हैं। कुछ स्थानों पर घुटनों के बल भी चलने की आवश्यकता हो सकती है। गुफा के अंदर प्राकृतिक शिव लिंग स्थापित है। इसकी ऊंचाई लगभग एक मीटर है। शिव लिंग के ऊपर गाय के स्तन जैसी आकृति होती है, जिससे दूधिया रंग का पानी शिवलिंग पर टपकता है। गुफा से बाहर निकलने के लिए दूसरा बड़ा रास्ता बनाया गया है, जिससे बाहर निकलना आसान होता है।
बाबा जित्तो मंदिर
शिव खोरी के रास्ते पर स्थित है। यह कटरा से 7 किलोमीटर की दूरी पर है। बाबा जित्तो माता वैष्णो देवी के परम भक्त थे। माता वैष्णो देवी कन्या रूप में उनके घर आती थीं।
नौ देवी मंदिर
कटरा से 8 किलोमीटर की दूरी पर शिव खोरी के रास्ते पर नौ देवी मंदिर स्थित है। यह एक प्राचीन स्थल है। लगभग 100 सीढ़ियाँ नीचे उतरकर मंदिर की ओर जाना होता है। यहाँ एक छोटी गुफा बनी है, जिसमें प्रवेश करने के लिए आपको लगभग लेटकर ही जाना पड़ता है। गुफा के भीतर नौ देवियाँ पिंड के रूप में विराजमान हैं। इन देवियों के नाम शैलपुत्री देवी, भर्माचार्यिणी देवी, चन्द्रघंटा देवी, कुष्मांडा देवी, स्कंदमाता देवी, कात्यायनी देवी, महाकाली देवी, महागौरी देवी, सिद्धिदात्री देवी हैं।
भूमिका मंदिर
रेल्वे स्टेशन से 700 मीटर की दूरी पर भूमिका मंदिर स्थित है। यहाँ माता वैष्णो देवी की मुलाकात पंडित श्रीधर से हुई थी। यह वही स्थान है, जहां से मां वैष्णो देवी Trikuta Parvat पर गयी थीं।
देवा माई मंदिर
कटरा से 4 किलोमीटर की दूरी पर जम्मू रोड पर देवा माई मंदिर स्थित है। जब माता वैष्णो देवी कन्या रूप में थीं, तो इसी स्थान पर उनका निवास था और वहीं पर उन्होंने अपनी तपस्या पूरी की थी।
बाबा धनसर मंदिर
बाबा धनसर मंदिर कटरा से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ छोटी सी गुफा में प्राकृतिक शिवलिंग स्थापित है, जिस पर निरंतर पानी की बूंदें गिरती रहती हैं। गुफा की ऊपरी चट्टानों से झरनों का पानी गिरता है और यह दृश्य खूबसूरत लगता है।
माँ वैष्णो देवी की यात्रा से पहले की तैयारियाँ
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने से पहले अपने आप को शारीरिक रूप से मजबूत बनाने के लिए daily Exercise करें, क्योंकि इस यात्रा में मेहनत करनी पड़ेगी। अगर आप पहली बार जा रहे हैं, तो ट्रिप से दो-तीन हफ्ते पहले से जितना हो सके व्यायाम करें। माता वैष्णो देवी के दर्शन के पहले गरम कपड़ों की खरीदारी करें। ट्रेन की टिकट और होटल की बुकिंग आगे से ही कर लें ताकि सुविधा हो। जानकारी के लिए श्राइन बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट का सहायता लें। यात्रा से पहले खुद को शारीरिक और मानसिक रूप से तैयार करना महत्वपूर्ण है।
माता वैष्णो देवी के दर्शन में समस्याएं और उपाय
माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए जिन गुफाओं में जाते हैं, वहाँ पर काफी भीड़ हो सकती है। धक्कों का सामना करना पड़ सकता है, लेकिन गलतियों से बचें और धीरे-धीरे चलें। आपकी यात्रा काफी समय लग सकती है, खासकर त्योहारों जैसे नवरात्रि में। आपको धैर्य रखने की आवश्यकता हो सकती है। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए उपलब्ध बनाए गए लॉकर की सुविधा का इस्तेमाल करें। अपनी यात्रा स्लिप साथ रखें, क्योंकि बिना यात्रा स्लिप के आपको मंदिर के पास जाने की अनुमति नहीं होगी। माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए टिप्स देने वाले किसी भी व्यक्ति की सलाह का सावधानी से पालन करें और धोखेबाजियों से बचें। किसी भी प्रकार की चिकित्सा या मेडिकल सहायता की आवश्यकता होने पर आपको बस्टर या मेडिकल एड का सहायता ले सकते हैं।
माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए उपयुक्त टिप्स
- भवन के अंदर, विशेष रूप से प्रसाद की सुविधा उपलब्ध है। आपको बाहर से प्रसाद खरीदकर लेने की आवश्यकता नहीं होगी।
- आप अपने कैमरे और मोबाइल फोन का चार्ज करने के लिए चार्जिंग स्टेशन भी पा सकते हैं।
- माता वैष्णो देवी के दर्शन के बाद ध्यान दें कि आप गूंगा जल की बोतल और पूजा सामग्री को साफ सुथरे तरीके से छोड़ दें।
- अपनी सुरक्षा के लिए सावधान रहें और आपत्ति की स्थितियों के लिए तैयार रहें।
- यात्रा की योजना बनाते समय ज्यादा खर्च करने से बचें और संयम बनाए रखें।
- यह सूचनाएँ माता वैष्णो देवी की यात्रा करने वालों के लिए उपयोगी हो सकती हैं। ध्यान दें कि यात्रा के समय विशेष सुरक्षा और स्वच्छता अनुशासन का पालन करें, ताकि आपकी यात्रा सुरक्षित और प्रसन्नता से हो सके।